Not known Details About bhairav kavach

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विरचरन्त्यत्र कुत्रापि न विघ्नैः परिभूयते।

बटुक भैरव भगवान शिव का एक रूप है और राक्षस ‘आपद’ को नष्ट करने के लिए भगवान शिव का एक अवतार है।

आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः ॥

According to the legend, Sri Batuka Bhairva was a 5-yr-old child who was incarnated to diminish the demon named ‘’Aapadh’’. It will also be construed which the Slokam should be to be recited to beat fears and hazards.

प्राणत्यागं करिष्यामि यदि नो more info कथयिष्यसि ।





भुर्जे रंभात्वचि वापि लिखित्वा विधिवत्प्भो। ।

एतत् कवचमीशान तव स्नेहात् प्रकाशितम्



भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा । 



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आप नोकरी करते हो, व्यापार करते हो या किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, आईएस, आईपीएस, सिविल सर्विसेज आदि जैसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, तो आपको अवश्य ही अपराजिता स्तोत्र और बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करके जाना चाहियें, इसके पाठ से समस्त भय दूर होता है, और आपको निश्चित ही पूर्ण सफलता मिलती है।

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